Chairman's Message
कुमार बिहारी पाण्डेय
( संस्थापक )
आज के वैश्वीकरण और भूमंडलीकरण के युग में अनेक परिवर्तन घटित हो रहे है। हमें भी अपने बच्चों को समय के साथ चलने के लिए तैयार करना होगा। बच्चों को युगानुकूल तैयार करने का सबसे प्रभावकारी माध्यम शिक्षा है। इसी परिपेक्ष्य में मैंने भी एक स्वप्न देखा है।मुंबई महानगर में वर्षों रहने और विदेशों में भ्रमण के बाद मैं अनुभव करता हूँ कि महानगरों की विकासशील गतिविधियों का प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों पर नहीं पर रहा है। गांव आज भी विकासशील चेतना से वंचित है। दोन गांव मेरी जन्मभूमि है और मेरे ऊपर इसका बहुत बड़ा ऋण है। उसी ऋण से कुछ सीमा में मुक्त होने के लिए मेरी संस्था सुनीता एजुकेशनल ट्रस्ट ने जे आर कान्वेंट एवं जॉन इलियट प्रा आई टी आई जैसे शैक्षिक उपकरणों को हाथ में लिया है। जिससे हमारे इस सुदूर ग्रामीण क्षेत्र का कल्याण हो सके। क्योंकि विद्वानों का मत है सा विद्या या विमुक्तये अर्थात विद्या वही है जो सारे कष्ट ,क्लेश ,क्लान्ति ,दुर्भिक्ष और अशिक्षा से मुक्ति दिलाए। मैं सदैव ही कर्मठ जीवन का विश्वासी रहा हूँ। मुझे जीवन में जो कुछ भी मिला वह कर्म का ही फल था। इससे कर्म के प्रति विश्वास और दृढ़ हो गया। कर्म मेरी पूजा है। उसी चेतना को मैं नयी पीढ़ी में भरना चाहता हूँ। बच्चे राष्ट्र की धरोहर होते है,कल भविष्य की डोली इन्ही नौनिहालों के कंधो पर ढोयीं जायेगी। किसी ने क्या खूब लिखा है की देश वही सुरक्षित ,सुदृढ़ एवं वैभवशाली होता है जिसके बच्चे विद्वान होते है । इस कार्य के लिए मुझे आप सभी के सहयोग और सद्भाव की आवश्यकता है। आपके सभी सुझावों का स्वागत है।

Your child deserves an opportunity to achieve
Academic, personal and spiritual brilliance

